लहरों को खामोश देखकर यह न समझना
कि समुन्दर में रवानी नहीं है
हम जब भी उठेंगे तूफ़ान बनकर उठेंगे
बस उठने की अभी ठानी नहीं है
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
लहरों को खामोश देखकर यह न समझना
कि समुन्दर में रवानी नहीं है
हम जब भी उठेंगे तूफ़ान बनकर उठेंगे
बस उठने की अभी ठानी नहीं है
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.