इंसान की चाहत है
कि उड़ने को पर मिले
और परिंदे सोचते है कि
रहने को घर मिले
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
इंसान की चाहत है
कि उड़ने को पर मिले
और परिंदे सोचते है कि
रहने को घर मिले
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.