खुशनसीब होते है बादल
जो दूर रहकर भी जमीन पर बरसते है
और एक बदनसीब हम है
जो एक ही दुनिया में रहकर मिलने को तरसते है
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
खुशनसीब होते है बादल
जो दूर रहकर भी जमीन पर बरसते है
और एक बदनसीब हम है
जो एक ही दुनिया में रहकर मिलने को तरसते है
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.