दिल की धड़कन को अब एक लम्हा सबर नहीं
शायद अब उसको मेरी जरा भी कदर नहीं
हर सफर में मेरा कभी हमसफ़र था वो
अब सफर तो है मगर वो हमसफर नहीं
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
दिल की धड़कन को अब एक लम्हा सबर नहीं
शायद अब उसको मेरी जरा भी कदर नहीं
हर सफर में मेरा कभी हमसफ़र था वो
अब सफर तो है मगर वो हमसफर नहीं
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.