यह तेरी कैसी मोहब्बत है जालिम
दिल अब दिल ना रहा सरकारी दफ्तर बन गया है
ना कोई काम करने को
ना किसी की बात सुनने को तैयार है
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
यह तेरी कैसी मोहब्बत है जालिम
दिल अब दिल ना रहा सरकारी दफ्तर बन गया है
ना कोई काम करने को
ना किसी की बात सुनने को तैयार है
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.