चमन से बिछड़ा हुआ एक गुलाब हूँ में
मै खुद ही अपनी तबाही का जवाब हूँ
यूँ निगाहें ना फेर मुझसे ऐ मेरे महबूब
मैं तेरी चाहतो में ही हुआ बर्बाद हु
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
चमन से बिछड़ा हुआ एक गुलाब हूँ में
मै खुद ही अपनी तबाही का जवाब हूँ
यूँ निगाहें ना फेर मुझसे ऐ मेरे महबूब
मैं तेरी चाहतो में ही हुआ बर्बाद हु
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.