न जाहिर हुई तुमसे और न ही बयान हुई हमसे,
बस सुलझी हुई आँखो में उलझी रही मोहब्बत।
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
न जाहिर हुई तुमसे और न ही बयान हुई हमसे,
बस सुलझी हुई आँखो में उलझी रही मोहब्बत।
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.