तीन ही चीज़ें इस तेज़ी से बिछड़ती हैं….,
इक सूरज की पहली किरन और हम दोनों,
मैं सितारा हूँ मगर तेज़ नहीं चमकूँगा…,
देखने वाले की आँखों की सुहूलत के लिए|
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
तीन ही चीज़ें इस तेज़ी से बिछड़ती हैं….,
इक सूरज की पहली किरन और हम दोनों,
मैं सितारा हूँ मगर तेज़ नहीं चमकूँगा…,
देखने वाले की आँखों की सुहूलत के लिए|
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.