पलकों को जब-जब आपने झुकाया है,
बस एक ही ख्याल दिल में आया है,
कि जिस खुदा ने तुम्हें बनाया है,
तुम्हें धरती पर भेजकर वो कैसे जी पाया है
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
पलकों को जब-जब आपने झुकाया है,
बस एक ही ख्याल दिल में आया है,
कि जिस खुदा ने तुम्हें बनाया है,
तुम्हें धरती पर भेजकर वो कैसे जी पाया है
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.