मार ही डाल मुझे

मार ही डाल मुझे चश्म-ए-अदा से पहले अपनी मंज़िल को पहुँच जाऊं क़ज़ा से पहले इक नज़र देख लूँ आ जाओ क़ज़ा से पहले, तुम से मिलने की तमन्ना है…

मैं हूँ और साथ तेरी बिखरी हुई यादें हैं

मैं हूँ और साथ तेरी बिखरी हुई यादें हैं,क्या इसी चीज़ को कहते हैं गुज़ारा होना।वो मेरे बाद भी खुश होगा किसी और के साथ,मीठे चश्मों को कहाँ आता है…

सताया है वक्त ने मुझे

सताया है वक्त ने मुझे बहुतमगर मैने भी वक्त को बर्बाद कम नहीं कियाजहां वक्त ने तक़दीर से मिलायामैंने तकदीर से वक्त को मिटाया हैबचपन में पढ़ाई से हुई लड़ाई…

डाली से टूटा फूल

डाली से टूटा *फूल* फिर सेलग नहीं सकता हैमगरडाली *मजबूत* हो तो उस परनया फूल *खिल* सकता है!!!उसी तरह *ज़िन्दगी* मेंखोये *पल* को ला नहीं सकतेमगर*हौसलें* व *विश्वास* सेआने वाले…

ख्वाइस तो यही है कि

ख्वाइस तो यही है कितेरे बाँहों में पनाह मिल जाये,शमा खामोस हो जायेऔर शाम ढल जाये,प्यार इतना करे किइतिहास बन जाये,और तुम्हारी बाँहों सेहटने से पहले शाम हो जाये.