ना जाने क्यों तेरा मिलकर बिछड़ना बहुत याद आता है

ना जाने क्यों तेरा मिलकर बिछड़ना बहुत याद आता है रो पड़ती हूँ में जब गुजरा जमाना याद आता है नहीं भूल पायी हूँ में अब तक तुझे क्या तुझको…

अफ़सोस वो हमारी चाहत से बेखबर निकला

कितना अजीब अपनी जिंदगी का सफर निकला सारे जहाँ का दर्द अपना मुकद्दर निकला जिसके नाम अपनी जिंदगी का हर लम्हा कर दिया अफ़सोस वो हमारी चाहत से बेखबर निकला

ज़माने ने हमको दिया यही वफ़ा का सिला है

जिंदगी चाहत का सिलसिला है फिर भी जिसे चाहा वो कहा मिला है दुश्मनो से हमको कोई शिकायत नहीं अपनों ने ही लुटा बस इसी बात का गिला है जिसको…

क्युकी जिंदगी में सबक और साथ दोनों ही जरुरी है

सड़क कितनी भी साफ हो “धूल ” हो ही जाती है , इंसान की सोच कितनी भी अच्छी हो “भूल ” हो ही जाती है , अपनी जिंदगी में सबको…