और फिर में विना पढ़े यह जीनियस सो गया

रात को बुक्स मेरी मुझे देखती रही नींद मुझे अपनी ओर खींचती रही नींद का झोका मेरा मन मोह गया और फिर में विना पढ़े यह जीनियस सो गया

क्या जरुरत थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की

हसरत की सिर्फ तुम्हे पाने की और कोई ख्वाइश नहीं इस दीवाने की शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है क्या जरुरत थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की

मेरे दामन में भरी रहै खुशिया तेरी मोहब्बत से 

चल चले उस मोहब्बत के जहा में जहाँ मेरी आँखे कभी नम ना हो मेरे दामन में भरी रहै खुशिया तेरी मोहब्बत से और वो मोहब्बत कभी कम ना हो

वो वक्त की अँधियो में टुटा नहीं करते

माना कि आज दूर हो आप हमसे पर दूरियों से कभी दिल टुटा नहीं करते विश्वास की मिटटी में उगते है जो पौधे वो वक्त की अँधियो में टुटा नहीं…