वो लगा रहे है मुझपर झूठे इंजाम
कि मैंने उन्हें रुलाया है जरा सोचो
मैं कैसे उसको रुला सकता हूँ
जिसे मैंने खुद रो रो के माँगा हो
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
वो लगा रहे है मुझपर झूठे इंजाम
कि मैंने उन्हें रुलाया है जरा सोचो
मैं कैसे उसको रुला सकता हूँ
जिसे मैंने खुद रो रो के माँगा हो
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.