कितना अजीब अपनी जिंदगी का सफर निकला
सारे जहाँ का दर्द अपने मुकद्दर निकला
जिसके नाम अपनी जिंदगी का हर लम्हा कर लिया
अफ़सोस वही अपनी चाहत से बेखबर निकला
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
कितना अजीब अपनी जिंदगी का सफर निकला
सारे जहाँ का दर्द अपने मुकद्दर निकला
जिसके नाम अपनी जिंदगी का हर लम्हा कर लिया
अफ़सोस वही अपनी चाहत से बेखबर निकला
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.