एक जुर्म हुआ है हमसे
हम भी किसी को दिल दे बैठे है
अपना उसे समझ कर
सब भेद दे बैठे है
फिर उसके प्यार के लिए
दिल और जान गवा बैठे है
बहुत याद आते है वो
जो हमको भुला बैठे है
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
एक जुर्म हुआ है हमसे
हम भी किसी को दिल दे बैठे है
अपना उसे समझ कर
सब भेद दे बैठे है
फिर उसके प्यार के लिए
दिल और जान गवा बैठे है
बहुत याद आते है वो
जो हमको भुला बैठे है
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.