फलसफा समझो न असरारे सियासत समझो,
जिन्दगी सिर्फ हकीक़त है हकीक़त समझो,
जाने किस दिन हो हवायें भी नीलाम यहाँ,
आज तो साँस भी लेते हो ग़नीमत समझो।
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
फलसफा समझो न असरारे सियासत समझो,
जिन्दगी सिर्फ हकीक़त है हकीक़त समझो,
जाने किस दिन हो हवायें भी नीलाम यहाँ,
आज तो साँस भी लेते हो ग़नीमत समझो।
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.