जब बादल हो पर बरसात ना हो
कितना अजीब लगता है उस वक़्त जब बादल हो पर बरसात ना हो आंखें हो पर ख्वाब ना हो जिंदगी हो पर प्यार ना हो कोई अपना हो पर पास…
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
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कितना अजीब लगता है उस वक़्त जब बादल हो पर बरसात ना हो आंखें हो पर ख्वाब ना हो जिंदगी हो पर प्यार ना हो कोई अपना हो पर पास…
किसी न किसी पर किसी को एतबार हो ही जाता है अजनवी कोई शक्स अपना हो ही जाता है खूबियों से ही नहीं होती मोहब्बत सदा कमियों से भी अक्सर…
प्यार के पन्नो से भरी एक किताब हो तुम रिश्तों के बगीचे में गुलाब हो तुम जो लोग यह बोलते है कि प्यार सच्चा नहीं होता उन लोगो के सवालों…
खुदा ना करे की तुम उदास हो बस खुशिया ही आपके पास हो खुदा आपको वो सब कुछ दे जिसे पाने की आपको आस हो
तेरी आँखों में जबसे मैंने अपना अक्स देखा है मेरे चहरे को तबसे कोई आइना अच्छा नहीं लगता है
किसी के दिल में बसना बुरा तो नहीं किसी को दिल में बसाना खता तो नहीं है अगर यह ज़माने के लिए बुरा तो क्या हुआ ज़माने वाले भी इंसान…
बड़ी मुद्दत से चाहा है तुझे बड़ी मुश्किल से पाया है तुझे तुझसे अलग होने की सोचु भी कैसे किस्मत की लकीरो से चुराया है तुझे
दर्द होता नहीं दुनिया को दिखने के लिए हर कोई रोता नहीं आंसू बहाने के लिए रूठने का मजा तो तब आता है जब होता है कोई मनाने के लिए
वो लगा रहे है मुझपर झूठे इंजाम कि मैंने उन्हें रुलाया है जरा सोचो मैं कैसे उसको रुला सकता हूँ जिसे मैंने खुद रो रो के माँगा हो
साथ अगर दोगे तो मुस्करायेंगे जरूर प्यार अगर दिल से करोगे तो निभायेंगे जरूर राह में चाहे जितने भी कांटे क्यों ना हौ आवाज दिल से लगाओगे तो आयंगे जरूर