प्यार नहीं था और ना ही दोस्ती थी
प्यार नहीं था और ना ही दोस्ती थीदोनो को बस आदत थीरोज़ सुबह फोन पे बात करना पहले टाईम पास थालेकिन अब ज़रूरत थीदिन में कभी बात ना हो तो…
ताउम्र गम उठाने के हम …..
कुछ दिन तो मलाल मोहोब्बत मैं फ़र्ज़ हैताउम्र गम उठाने के हम भी शौकीन नहीं।
एक खलिश मेरे दिल…..
एक खलिश मेरे दिल में कुछ यु रह गयीज़िन्दगी मैं ज़रा ज़िन्दगी कुछ कम रह गयी।
कोई सुबह हो ऐसी….
कोई सुबह हो ऐसी तेरा दीदार होकोई शाम तो ऐसी आये जो तू साथ हो।
आप वापस आने की …..
आप वापस आने की जहमत मत करनानाक़द्रों को भूल जाना अत है हमें। 1Like2:59 pm
ये सोचो का …..
ये सोचो का ताल्लुक उनसे जुदा नहीं होतादेखा है कई बार हमने सांसो को रोक के।
जिसे कहते हो तुम …….
जिसे कहते हो तुम हमारी बर्बादीवो मेरी खुशनसीबी की ज़रा सी दास्ता हैं।
मिजाज इश्क़ के….
मिजाज इश्क़ के मेरे ज़रा हसास हैंतेरे गुरूर का बोझ उठा नहीं सकता ।
अब इश्क़ इतना नादां भी नहीं….
अब इश्क़ इतना नादां भी नहींकी हर दफा तुम्ही से हो।