ज़िन्दगी के सफर में , कोई हमसफ़र ना मिला
ज़िन्दगी के सफर में , कोई हमसफ़र ना मिला हम किसी को ना मिले , और कोई हमे ना मिला
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
नयी और पुरानी हिंदी शायरी का कलेक्शन, आप इन केटेगरी के बारे में पड़ सख्ते हो इनमे से कुछ है जैसे दर्द, प्यार, फ्रेंडशिप, गम, ज़िंदगी, तन्हाई और गम
ज़िन्दगी के सफर में , कोई हमसफ़र ना मिला हम किसी को ना मिले , और कोई हमे ना मिला
अनकही सी कुछ बातें , लम्हों में समां जाती हैं यादों के समंदर में , अपना आशियाना बनाती है मीलों के फास्लो में , कुछ ठहराव वो लाती है ग़मो…
ज़रा तिरछी पड़ने लगी है किरन अब ज़रा सर्दियाँ सब्ज़ पत्तों में उतरीं ज़रा पड़ रही हैं कहीं और ही अब जवाँ हुस्न की बुल्हवस वो निगाहें तसव्वुर वो माज़ी…
आप खुद नही जानते आप कितने प्यारे हो… जान तो हमारी पर जान से प्यारे हो….. दूर होने से कोई फर्क नही पड़ता…. आप कल भी हमारे थे आज भी…
मेरी यादो मे तुम हो, या मुझ मे ही तुम हो, मेरे खयालो मे तुम हो, या मेरा खयाल ही तुम हो, दिल मेरा धडक पूछे, बार बार एक ही…
मिल जायेंगा हमें भी कोई टूट के चाहने वाला… अब शहर का शहर तो बेवफा नहीं हो सकता …
रब करे ज़िन्दगी में ऐसा मुकाम आये। …… मेरी रूह और जान आपके काम आये …. हर दुआ में बस यही मांगते है रब से। .. कि अगले जनम में…
क्यूं खुश हो जाता हु में तुम्हारी ख़ुशी देख के……! क्यूं हो जाता हूं मैं हताश तुम्हें उधास देख के ..! चहक सा उठा हूँ मैं जब मिलने की बारी…
नाम तो लिख दू उसका … अपनी हर शायरी के साथ .. मगर फिर खयाल आता है , मासूम सी है जान मेरी…… कही बदनाम ना हो जाए!