Category: हिंदी

नयी और पुरानी हिंदी शायरी का कलेक्शन, आप इन केटेगरी के बारे में पड़ सख्ते हो इनमे से कुछ है जैसे दर्द, प्यार, फ्रेंडशिप, गम, ज़िंदगी, तन्हाई और गम

ज़रा तिरछी पड़ने लगी है किरन अब

ज़रा तिरछी पड़ने लगी है किरन अब ज़रा सर्दियाँ सब्ज़ पत्तों में उतरीं ज़रा पड़ रही हैं कहीं और ही अब जवाँ हुस्न की बुल्हवस वो निगाहें तसव्वुर वो माज़ी…

आप खुद नही जानते आप कितने प्यारे हो…

आप खुद नही जानते आप कितने प्यारे हो… जान तो हमारी पर जान से प्यारे हो….. दूर होने से कोई फर्क नही पड़ता…. आप कल भी हमारे थे आज भी…

क्यूं खुश हो जाता हु में तुम्हारी ख़ुशी देख के

क्यूं खुश हो जाता हु में तुम्हारी ख़ुशी देख के……! क्यूं हो जाता हूं मैं हताश तुम्हें उधास देख के ..! चहक सा उठा हूँ मैं जब मिलने की बारी…