बाबुल तेरी बगिया की ये
बाबुल तेरी बगिया की ये चहचहाती हुयी चिड़िया ना जाने कब उड़ जाये छोड़कर तेरी यह बगिया ना जाने कब बन जाये दुल्हन, यह छोटी सी गुड़िया
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
नयी और पुरानी हिंदी शायरी का कलेक्शन, आप इन केटेगरी के बारे में पड़ सख्ते हो इनमे से कुछ है जैसे दर्द, प्यार, फ्रेंडशिप, गम, ज़िंदगी, तन्हाई और गम
बाबुल तेरी बगिया की ये चहचहाती हुयी चिड़िया ना जाने कब उड़ जाये छोड़कर तेरी यह बगिया ना जाने कब बन जाये दुल्हन, यह छोटी सी गुड़िया
पत्नी घर की रानी है अजीब सी इसकी कहानी है बात ना मानो तो चिढ़ जायगी काम बताओ तो लड़ जायगी शॉपिंग ले जाओ तो मन जायगी
दीप तो आंधी में बुझ जाया करते है तारे तो बारिश में छुप जाया करते है फूल तो रात में मुरझाया करते है कितने खुशनसीब होते है वो लोग जिनके…
सवाल कुए का नहीं पानी का है सवाल फूल का नहीं खुशबू का है सवाल खूबसूरती का नहीं दिल का है लोग तो बहुत मिल जाते है दुनिया में सवाल…
हर सुबह एक नयी जिंदगी दे आपके दिन का हर लम्हा हर पल ख़ुशी दे आपको जहा गम की छाया छू भी ना पाये खुदा वो जन्नत दे आपको
अगर इतनी ही नफरत करते है आप हमसे तो रब से ऐसे दुआ करिये कि आपकी दुआ भी पूरी हो जाये और हमारी जिंदगी भी
सच्ची मोहब्बत करना हर किसी के बस की बात नहीं जुनून चाहिए किसी के लिए खुद को बर्बाद करने का
कभी किसी के रंग को मत देखो उसकी सोच को देखो क्योकि अगर सफ़ेद रंग में वफ़ा होती तो नमक हर जख्म की दवा होती
कोई ख़ुशी पाने के लिए रोता है कोई दुःख की पनाह में रोता है अजीब सी होती है ना जिंदगी कोई भरोसा दिलाने के लिए रोता है| कोई भरोसा करके…
शाम सूरज को ढलना सिखाती है शमां परवाने को जलना गिरने पर चोट तो जरूर लगती है लेकिन ठोकर ही इंसान को चलना सिखाती है |