मेरे चहरे को तबसे कोई आइना अच्छा नहीं लगता है
तेरी आँखों में जबसे मैंने अपना अक्स देखा है मेरे चहरे को तबसे कोई आइना अच्छा नहीं लगता है
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
नयी और पुरानी हिंदी शायरी का कलेक्शन, आप इन केटेगरी के बारे में पड़ सख्ते हो इनमे से कुछ है जैसे दर्द, प्यार, फ्रेंडशिप, गम, ज़िंदगी, तन्हाई और गम
तेरी आँखों में जबसे मैंने अपना अक्स देखा है मेरे चहरे को तबसे कोई आइना अच्छा नहीं लगता है
फर्क होता है अमीर और गरीब में फर्क होता है किस्मत और लकीर में जब तुम किसी चीज को चाहो और वो ना मिले तो समझ लेना कुछ और लिखा…
कुछ भी नहीं है आज कहने को चन्द लब्जों के सिवा ना आँखों में है जज्बात चन्द आँखों के सिवा कदर तोड़ दिया उसने कि खुद को जोड़ पाना मुश्किल…
उनके सीने में कभी झांक कर देखो तो सही कितना रोते है अकेले में दुनिया को हसाने वाले
लोग अपना चेहरा खूब सजाते है जिस पर दुसरो की नजर होती है लेकिन कभी दिल नहीं सजाते है जिस पर ईश्वर की नजर होती है
किसी के दिल में बसना बुरा तो नहीं किसी को दिल में बसाना खता तो नहीं है अगर यह ज़माने के लिए बुरा तो क्या हुआ ज़माने वाले भी इंसान…
बड़ी मुद्दत से चाहा है तुझे बड़ी मुश्किल से पाया है तुझे तुझसे अलग होने की सोचु भी कैसे किस्मत की लकीरो से चुराया है तुझे
दर्द होता नहीं दुनिया को दिखने के लिए हर कोई रोता नहीं आंसू बहाने के लिए रूठने का मजा तो तब आता है जब होता है कोई मनाने के लिए
किसी के भरोसे मत रह कोई साथ दे न दे चलना तू सिखले हर आग में जलना तू सीख ले कोई रोक ना पाए आगे बढ़ने से तुझे हर मुश्किल…
वो लगा रहे है मुझपर झूठे इंजाम कि मैंने उन्हें रुलाया है जरा सोचो मैं कैसे उसको रुला सकता हूँ जिसे मैंने खुद रो रो के माँगा हो