कभी तो आएगा कोई पैगाम तेरा
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा रातें कटती है लेके नाम तेरा मुद्दत से बैठी हु पालकर ये आस कभी तो आएगा कोई पैगाम तेरा
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
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इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा रातें कटती है लेके नाम तेरा मुद्दत से बैठी हु पालकर ये आस कभी तो आएगा कोई पैगाम तेरा
माना कि आज दूर हो आप हमसे पर दूरियों से कभी दिल टुटा नहीं करते विश्वास की मिटटी में उगते है जो पौधे वो वक्त की अँधियो में टुटा नहीं…
क्यों तेरी उदासी मुझे खामोश कर जाती है क्यों तेरी ख़ामोशी मुझे उदास कर जाती है क्या रिश्ता है तेरा और मेरा क्यों तेरी यद् मुझे तनहा कर जाती है
जब ख्याल आया तो ख्याल भी उनका आया जब आंखें बंद की तो ख्वाब उनका आया सोचा याद करलु किसी और को मगर जब होठ खोले तो नाम उनका आया
उसके बिन चुप-चुप रहना अच्छा लगता है ख़ामोशी से इस दर्द को सहना अच्छा लगता है उसका मिलना ना मिलना तो किस्मत की बात है पर हर पल उसका इंतजार…
वो मिल जाते है कहानी बनकर दिल में बस जाते है निशानी बनकर जिन्हे हम रखते है अपनी आँखों में क्यों निकल जाते है वो पानी बनकर
मेरे दिल का दर्द किसने देखा है मुझे बस खुदा ने तड़पते देखा है हम तन्हाई में बैठे रोते है लोगों ने हमें महफ़िल में हसते देखा है
करोगे याद गुजरे ज़माने को तरसोगे हमारे साथ एक पल बिताने को फिर आवाज दोगे हमे बापस बुलाने को और हम कहंगे दरवाजा नहीं है स्वर्ग से बापस आने को
कितना अजीब लगता है उस वक़्त जब बादल हो पर बरसात ना हो आंखें हो पर ख्वाब ना हो जिंदगी हो पर प्यार ना हो कोई अपना हो पर पास…
ये जिंदगी तो बस चाहतों का सिलसिला है कुछ खोया है तो कुछ पाया है माँगा था जिसे हमने दुआ में अपनी वो किसी को विना मांगे मिल गया है