मेरे चहरे को तबसे कोई आइना अच्छा नहीं लगता है
तेरी आँखों में जबसे मैंने अपना अक्स देखा है मेरे चहरे को तबसे कोई आइना अच्छा नहीं लगता है
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
इस केटेगरी मैं ज़िन्दगी ,जीवन या लाइफ से सम्बन्धित मैसेज और शायरी हिंदी में पढ़ सकते है और वहीँ मैसेज अपने दोस्तों को और अपने करीबी लोगों को भेज सकते हो. या अपने दोस्तों को फेसबुक, ट्विटर और ईमेल के जरिये भेज सकते हो.
तेरी आँखों में जबसे मैंने अपना अक्स देखा है मेरे चहरे को तबसे कोई आइना अच्छा नहीं लगता है
फर्क होता है अमीर और गरीब में फर्क होता है किस्मत और लकीर में जब तुम किसी चीज को चाहो और वो ना मिले तो समझ लेना कुछ और लिखा…
कुछ भी नहीं है आज कहने को चन्द लब्जों के सिवा ना आँखों में है जज्बात चन्द आँखों के सिवा कदर तोड़ दिया उसने कि खुद को जोड़ पाना मुश्किल…
उनके सीने में कभी झांक कर देखो तो सही कितना रोते है अकेले में दुनिया को हसाने वाले
किसी के दिल में बसना बुरा तो नहीं किसी को दिल में बसाना खता तो नहीं है अगर यह ज़माने के लिए बुरा तो क्या हुआ ज़माने वाले भी इंसान…
बड़ी मुद्दत से चाहा है तुझे बड़ी मुश्किल से पाया है तुझे तुझसे अलग होने की सोचु भी कैसे किस्मत की लकीरो से चुराया है तुझे
दर्द होता नहीं दुनिया को दिखने के लिए हर कोई रोता नहीं आंसू बहाने के लिए रूठने का मजा तो तब आता है जब होता है कोई मनाने के लिए
किसी के भरोसे मत रह कोई साथ दे न दे चलना तू सिखले हर आग में जलना तू सीख ले कोई रोक ना पाए आगे बढ़ने से तुझे हर मुश्किल…
वो लगा रहे है मुझपर झूठे इंजाम कि मैंने उन्हें रुलाया है जरा सोचो मैं कैसे उसको रुला सकता हूँ जिसे मैंने खुद रो रो के माँगा हो
साथ अगर दोगे तो मुस्करायेंगे जरूर प्यार अगर दिल से करोगे तो निभायेंगे जरूर राह में चाहे जितने भी कांटे क्यों ना हौ आवाज दिल से लगाओगे तो आयंगे जरूर