ताउम्र गम उठाने के हम …..
कुछ दिन तो मलाल मोहोब्बत मैं फ़र्ज़ हैताउम्र गम उठाने के हम भी शौकीन नहीं।
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कुछ दिन तो मलाल मोहोब्बत मैं फ़र्ज़ हैताउम्र गम उठाने के हम भी शौकीन नहीं।
ख़ामोशी बढ़ गयी है इस्कदरकी सन्नाटो की भी चीखे सुनाई पड़ती हैं।
एक शोर है मुझ मैंजो खामोश बहोत है।
जो कभी हो नहीं सकता मेराफिर क्यों वही अपना लगता है।
एक खलिश मेरे दिल में कुछ यु रह गयीज़िन्दगी मैं ज़रा ज़िन्दगी कुछ कम रह गयी।
कोई सुबह हो ऐसी तेरा दीदार होकोई शाम तो ऐसी आये जो तू साथ हो।
आप वापस आने की जहमत मत करनानाक़द्रों को भूल जाना अत है हमें। 1Like2:59 pm
ये चाँद की रौशनी मुझे हर रोज़ कहती हैकुछ किस्से मोहोब्बत के पूरा हुआ नहीं करते।
ये सोचो का ताल्लुक उनसे जुदा नहीं होतादेखा है कई बार हमने सांसो को रोक के।
ये ज़िन्दगी हमसे कुछ खफा खफा हैकौन सी ये अदा इसकी पहली दफा है।