Karz hai tere upar mere sajdo ka
Karz hai tere upar mere sajdo ka बस इतना ही है मुझको तुमसे कहना..बड़े अच्छे हो तुम, ख्याल रखा करो अपना..!! कर्ज है तेरे ऊपर मेरे सजदो का..मैंने एक अरसे…
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
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Karz hai tere upar mere sajdo ka बस इतना ही है मुझको तुमसे कहना..बड़े अच्छे हो तुम, ख्याल रखा करो अपना..!! कर्ज है तेरे ऊपर मेरे सजदो का..मैंने एक अरसे…
जहां जीवन दौलत के बिनखुश रहता है अति अपार।प्रेम का भरा रहता भंडारजिसको सब कहते परिवार।। मोह लोभ की परछाई भीनहीं डाल पाती है यहां डेरा।अमावस की काली रात मेंनिकलता…
एक खलिश मेरे दिल में कुछ यु रह गयीज़िन्दगी मैं ज़रा ज़िन्दगी कुछ कम रह गयी।
कोई सुबह हो ऐसी तेरा दीदार होकोई शाम तो ऐसी आये जो तू साथ हो।
जब जबाब ख़ामोशी मैं हो तोलफ्ज़ो से उलझना क्यों।
मिजाज इश्क़ के मेरे ज़रा हसास हैंतेरे गुरूर का बोझ उठा नहीं सकता ।
अब इश्क़ इतना नादां भी नहींकी हर दफा तुम्ही से हो।
की क्या बताएं तआरुफ़ अपनाकी खुद से ही अभी अंजान है हम।
मुझे आबाद कर या मुझे फ़ना करे कोईउसकी यादो से मुझसे जुदा करे कोई Like4:02 pm
दूर जाने का उसे क्या गम होगापास होकर भी वो कौन सा खुश था।