क्या जरुरत थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की
हसरत की सिर्फ तुम्हे पाने की और कोई ख्वाइश नहीं इस दीवाने की शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है क्या जरुरत थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
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हसरत की सिर्फ तुम्हे पाने की और कोई ख्वाइश नहीं इस दीवाने की शिकवा मुझे तुमसे नहीं खुदा से है क्या जरुरत थी तुम्हें इतना खूबसूरत बनाने की
दीवानगी मे कुछ ऐसा कर जायँगे मोहब्बत की सारी हदें पार कर जायेंगे वादा है तुमसे दिल बनकर धड़कोगे और सांस बनकर हम आयेंगे
चल चले उस मोहब्बत के जहा में जहाँ मेरी आँखे कभी नम ना हो मेरे दामन में भरी रहै खुशिया तेरी मोहब्बत से और वो मोहब्बत कभी कम ना हो
कभी जो कहते थे हमें की मेरी जिंदगी हो तुम आज वो कहते है कि वे बफा हो तुम कभी जिसकी जिंदगी जीने की वजह थे हम आज वो कहते…
इंतज़ार रहता है हर शाम तेरा रातें कटती है लेके नाम तेरा मुद्दत से बैठी हु पालकर ये आस कभी तो आएगा कोई पैगाम तेरा
उसके बिन चुप-चुप रहना अच्छा लगता है ख़ामोशी से इस दर्द को सहना अच्छा लगता है उसका मिलना ना मिलना तो किस्मत की बात है पर हर पल उसका इंतजार…
कितना अजीब लगता है उस वक़्त जब बादल हो पर बरसात ना हो आंखें हो पर ख्वाब ना हो जिंदगी हो पर प्यार ना हो कोई अपना हो पर पास…
किसी न किसी पर किसी को एतबार हो ही जाता है अजनवी कोई शक्स अपना हो ही जाता है खूबियों से ही नहीं होती मोहब्बत सदा कमियों से भी अक्सर…
प्यार के पन्नो से भरी एक किताब हो तुम रिश्तों के बगीचे में गुलाब हो तुम जो लोग यह बोलते है कि प्यार सच्चा नहीं होता उन लोगो के सवालों…
खुदा ना करे की तुम उदास हो बस खुशिया ही आपके पास हो खुदा आपको वो सब कुछ दे जिसे पाने की आपको आस हो