क्यूं खुश हो जाता हु में तुम्हारी ख़ुशी देख के
क्यूं खुश हो जाता हु में तुम्हारी ख़ुशी देख के……! क्यूं हो जाता हूं मैं हताश तुम्हें उधास देख के ..! चहक सा उठा हूँ मैं जब मिलने की बारी…
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
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क्यूं खुश हो जाता हु में तुम्हारी ख़ुशी देख के……! क्यूं हो जाता हूं मैं हताश तुम्हें उधास देख के ..! चहक सा उठा हूँ मैं जब मिलने की बारी…
नाम तो लिख दू उसका … अपनी हर शायरी के साथ .. मगर फिर खयाल आता है , मासूम सी है जान मेरी…… कही बदनाम ना हो जाए!