दिल अब दिल ना रहा सरकारी दफ्तर बन गया है
यह तेरी कैसी मोहब्बत है जालिम दिल अब दिल ना रहा सरकारी दफ्तर बन गया है ना कोई काम करने को ना किसी की बात सुनने को तैयार है
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
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यह तेरी कैसी मोहब्बत है जालिम दिल अब दिल ना रहा सरकारी दफ्तर बन गया है ना कोई काम करने को ना किसी की बात सुनने को तैयार है
इश्क़ ऐसा करो कि भुला ना जाये अगर साँस भी लो तो खुशबू उसकी आये प्यार का नशा आँखों पर ऐसा छाये बात किसी की भी हो नाम उसी का…
कभी उनकी आँखों से इज़हार होगा दिल के किसी कोने में हमारे लिए भी प्यार तो होगा गुज़र रही है रात उनकी याद में कभी उनको भी हमारा इंतज़ार तो…
अजीब सी आदत है अपनी और गजब सी फितरत है चाहे प्यार हो या नफरत बहुत सिद्धत से करते है
ना नींद आती है रातों में ना दिन में करार आता है हर घडी हर पल में बस तू ही तू याद आता रहता है
हर कोई प्यार के लिए तड़पता है हर कोई प्यार के लिए रोता है हमारे प्यार को गलत न समझिये क्योकि प्यार तो दोस्ती में भी होता है
उसको चाहा लेकिन इजहार नहीं करना नहीं आया उम्र कट गयी लेकिन हमे प्यार करना नहीं आया उसने हमसे कुछ माँगा वो भी जुदाई और हमे उनसे इंकार करना नहीं…
जितना भूलना चाहोगे उतनी याद हमारी आएगी क्योकि तस्वीर बन गयी है दिल की गहराई में हमारी ढूढ़ने चले हो हमसे बेहतर दोस्त तुम देखना तलाश हमसे शुरू होकर हम…
तुम्हे कोई दुःख हो हम सह नहीं सकते भरी महफ़िल में यह कह नहीं सकते हमारे गिरते हुए इन आंसुओ को पढ़ कर देखो वो भी कहंगे कि हम आपके…
सुबह सुबह में सूरज का साथ हो चिड़ियों के चहचाहने की आवाज हो हाथ में चाय का कप और यादों में आप हो उस ख़ुशनुवां सुबह की तो बात ही…