प्यार नहीं था और ना ही दोस्ती थी
प्यार नहीं था और ना ही दोस्ती थीदोनो को बस आदत थीरोज़ सुबह फोन पे बात करना पहले टाईम पास थालेकिन अब ज़रूरत थीदिन में कभी बात ना हो तो…
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
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प्यार नहीं था और ना ही दोस्ती थीदोनो को बस आदत थीरोज़ सुबह फोन पे बात करना पहले टाईम पास थालेकिन अब ज़रूरत थीदिन में कभी बात ना हो तो…
एक खलिश मेरे दिल में कुछ यु रह गयीज़िन्दगी मैं ज़रा ज़िन्दगी कुछ कम रह गयी।
कोई सुबह हो ऐसी तेरा दीदार होकोई शाम तो ऐसी आये जो तू साथ हो।
जब जबाब ख़ामोशी मैं हो तोलफ्ज़ो से उलझना क्यों।
आप वापस आने की जहमत मत करनानाक़द्रों को भूल जाना अत है हमें। 1Like2:59 pm
ये चाँद की रौशनी मुझे हर रोज़ कहती हैकुछ किस्से मोहोब्बत के पूरा हुआ नहीं करते।
ये सोचो का ताल्लुक उनसे जुदा नहीं होतादेखा है कई बार हमने सांसो को रोक के।
जिसे कहते हो तुम हमारी बर्बादीवो मेरी खुशनसीबी की ज़रा सी दास्ता हैं।
मिजाज इश्क़ के मेरे ज़रा हसास हैंतेरे गुरूर का बोझ उठा नहीं सकता ।
एक उम्र तमाम हुई उनके इंतज़ार मैंउसने आने का वादा किया हो ऐसा भी नहीं।