टूट कर चाहना, और फिर टूट जाना.
टूट कर चाहना, और फिर टूट जाना.बात छोटी सी है मगर जान,निकल जाती हैमुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,पर सुना है सादगी में लोग जीने नहीं देते
Collection of Real Shayari in Loneliness Category
टूट कर चाहना, और फिर टूट जाना.बात छोटी सी है मगर जान,निकल जाती हैमुझे जिंदगी का इतना तजुर्बा तो नहीं,पर सुना है सादगी में लोग जीने नहीं देते
is ummīd pe roz charāġh jalāte haiñ aane vaale barsoñ ba.ad bhī aate haiñ ham ne jis raste par us ko chhoḌā hai phuul abhī tak us par khilte jaate…
कोई पूछे आशिको से जूनून क्या हैइश्क़ क्या है दर्द की लज़्ज़त क्या है।
सबब लूटने का गर कोई पूछे तो ये कहनासाथ उनका न हो तो हमें जीना नहीं आता।
जाने ऐसी भी क्या तिश्नगी थी उनसेआखरी सांस थी और तसव्वुर उनके साथ का।
दूर जाने का उसे क्या गम होगापास होकर भी वो कौन सा खुश था।
ज़िन्दगी सच मैं अगर होती चार दिन कीदिलो को तोड़ने मैं इसे कोई न गवाता।
उलझा रहने दो मुझेयुहीं तुम्हारे दरमियानसुलझ गए हम अगर तोदूरियाँ दास्तां बुनेंगी।
अपना कहकर अपनापन दिखाकरप्यार जताकर वो कह गए खुश रहना………………..
न वो सपने देखो जो टूट जाएँन वो हाथ थामो जो छूट जाएँ।