कभी उतरो तो इश्क़ के दरिया में
कभी उतरो तो इश्क़ के दरिया मेंकी किनारो के मुसाफिर हम नहीं हैं।
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कभी उतरो तो इश्क़ के दरिया मेंकी किनारो के मुसाफिर हम नहीं हैं।
अनजान बने हो तो गुज़र क्यों नहीं जातेजान ही गए हो तो ठहर जाओ ना ।
ज़िन्दगी सच मैं अगर होती चार दिन कीदिलो को तोड़ने मैं इसे कोई न गवाता।
उलझा रहने दो मुझेयुहीं तुम्हारे दरमियानसुलझ गए हम अगर तोदूरियाँ दास्तां बुनेंगी।
तेरी अदाकारीमेरी ईमानदारीदोस्तों की नकली यारीमेर परवाह करने की बिमारीये झूटी रिश्तेदारीकई चेहरे लिए घूमने की कलाकारीयह है बनवटी दुनियादारी
अपना कहकर अपनापन दिखाकरप्यार जताकर वो कह गए खुश रहना………………..
कल एक छलावा है जिसकी सोच में जीना निर्थक हैआज हमारी सत्यता है जिसको सोचने मैं जाया करना वेबकूफी है।
एक उम्र वो थी जब जादू पर भी यकीन थाएक उम्र ये है जब हकीकत पर भी शक है।
न वो सपने देखो जो टूट जाएँन वो हाथ थामो जो छूट जाएँ।
वो वक़्त आने पर सब वादों से मुकर गया ये मेरा ज़र्फ़ था की मैं ख़ामोशी से बिखर गया………