सबब लूटने का गर कोई पूछे तो ये कहना…
सबब लूटने का गर कोई पूछे तो ये कहनासाथ उनका न हो तो हमें जीना नहीं आता।
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सबब लूटने का गर कोई पूछे तो ये कहनासाथ उनका न हो तो हमें जीना नहीं आता।
जाने ऐसी भी क्या तिश्नगी थी उनसेआखरी सांस थी और तसव्वुर उनके साथ का।
कुछ चाय सा इश्क़ है हमें आप सेन मिलो तो चैन नहीं आता।
दूर जाने का उसे क्या गम होगापास होकर भी वो कौन सा खुश था।
कभी उतरो तो इश्क़ के दरिया मेंकी किनारो के मुसाफिर हम नहीं हैं।
अनजान बने हो तो गुज़र क्यों नहीं जातेजान ही गए हो तो ठहर जाओ ना ।
ज़िन्दगी सच मैं अगर होती चार दिन कीदिलो को तोड़ने मैं इसे कोई न गवाता।
उलझा रहने दो मुझेयुहीं तुम्हारे दरमियानसुलझ गए हम अगर तोदूरियाँ दास्तां बुनेंगी।
तेरी अदाकारीमेरी ईमानदारीदोस्तों की नकली यारीमेर परवाह करने की बिमारीये झूटी रिश्तेदारीकई चेहरे लिए घूमने की कलाकारीयह है बनवटी दुनियादारी
अपना कहकर अपनापन दिखाकरप्यार जताकर वो कह गए खुश रहना………………..