मेरे चहरे को तबसे कोई आइना अच्छा नहीं लगता है
तेरी आँखों में जबसे मैंने अपना अक्स देखा है मेरे चहरे को तबसे कोई आइना अच्छा नहीं लगता है
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
Iss Category Ke Andar Tamam Asli Shayaro Ki List Hai. Jo Shayari Karte Hai.
तेरी आँखों में जबसे मैंने अपना अक्स देखा है मेरे चहरे को तबसे कोई आइना अच्छा नहीं लगता है
Ankho Mai manjile thi Gire Aur sambhalte rahe Andhiyo mai kaha dam tha Chirag hawa mai bhi jalte rahe
फर्क होता है अमीर और गरीब में फर्क होता है किस्मत और लकीर में जब तुम किसी चीज को चाहो और वो ना मिले तो समझ लेना कुछ और लिखा…
Ulajhi huyi sham ko Pane ki jid naa karo Jo naa ho apna use Apna bnane ki jid naa karo Is samundar mai tufan bahut Aate hai Iske Sahitya par…
कुछ भी नहीं है आज कहने को चन्द लब्जों के सिवा ना आँखों में है जज्बात चन्द आँखों के सिवा कदर तोड़ दिया उसने कि खुद को जोड़ पाना मुश्किल…
उनके सीने में कभी झांक कर देखो तो सही कितना रोते है अकेले में दुनिया को हसाने वाले
लोग अपना चेहरा खूब सजाते है जिस पर दुसरो की नजर होती है लेकिन कभी दिल नहीं सजाते है जिस पर ईश्वर की नजर होती है
किसी के दिल में बसना बुरा तो नहीं किसी को दिल में बसाना खता तो नहीं है अगर यह ज़माने के लिए बुरा तो क्या हुआ ज़माने वाले भी इंसान…
Apne hausale ko yah mat btaiye Ki aapki Problem kitni badi hai balki Problem ko yh btao Ki aapka hausala kitna bda hai.
बड़ी मुद्दत से चाहा है तुझे बड़ी मुश्किल से पाया है तुझे तुझसे अलग होने की सोचु भी कैसे किस्मत की लकीरो से चुराया है तुझे