साथी न कोई मंज़िल
दिया है न कोई महफ़िल
चला मुझे लेके ऐ दिल
अकेला कहाँ
साथी न कोई मंज़िलदिया है न कोई महफ़िलचला मुझे लेके ऐ दिलअकेला कहाँ हमदम कोई मिले कहींऐसे नसीब ही नहींबेदर्द है ज़मीं, दूर आसमाँसाथी न कोई मंजिल… गलियां हैं अपने…