आता है याद मुझको गुज़रा हुआ ज़माना
वो बाग़ की बहारें वो सब का चह-चहाना
आता है याद मुझको गुज़रा हुआ ज़मानावो बाग़ की बहारें वो सब का चह-चहाना आज़ादियाँ कहाँ वो अब अपने घोँसले कीअपनी ख़ुशी से आना अपनी ख़ुशी से जाना लगती हो…