बुलंदी की उड़ान पर हो अगर तो जरा सब्र रखो
परिंदे बताते है कि आसमान में ठिकाने नहीं होते
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
बुलंदी की उड़ान पर हो अगर तो जरा सब्र रखो
परिंदे बताते है कि आसमान में ठिकाने नहीं होते
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.