बड़े शोक से बनाया था उसने मेरे दिल में घर
और जब रहने की बारी आयी तो ठिकाना बदल लिया
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
बड़े शोक से बनाया था उसने मेरे दिल में घर
और जब रहने की बारी आयी तो ठिकाना बदल लिया
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.