बाबुल तेरी बगिया की ये
चहचहाती हुयी चिड़िया
ना जाने कब उड़ जाये
छोड़कर तेरी यह बगिया
ना जाने कब बन जाये
दुल्हन, यह छोटी सी गुड़िया
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
बाबुल तेरी बगिया की ये
चहचहाती हुयी चिड़िया
ना जाने कब उड़ जाये
छोड़कर तेरी यह बगिया
ना जाने कब बन जाये
दुल्हन, यह छोटी सी गुड़िया
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.