Love Shayari
ये दिल और इसकी खामोख़ा की खुशफ़हमिया की जब भी मिला उन्हें अपना समझा।
ये दिल और इसकी खामोख़ा की खुशफ़हमिया की जब भी मिला उन्हें अपना समझा।
जिस घड़ी तुमसे मुलाकात होती हैवो घड़ी मेरी क़ायनात होती है।
हम तड़पड़े हैं तो कीमत है तुम्हारीजो सब्र आ जाये तो फिर बात ही क्या I
न कोई मुलाकात न किसी वादे का तकाज़ा तुमसेहम तो बस एक झूटी तस्सल्ली के तलबगार थे।
महोब्बत न सही मेरी खुशफहमी ही रहने दो की दिल में जीने की ख्वाहिश ज़रा सी और बाकी है I
कोई मुलाक़ात न किसी वादे का तकाज़ा तुमसेहम तो बस एक झूठी तस्सल्ली के तलबग़ार थे I
Maine har pal guzare in gulab se, teri in bahon me..! Meri har khwahish ko pura kea tune apne vado se..!
Is gulab ki pankhuriyon ki tarah tune hifazat ki hai meri..! Aie dost meri nazro me isse bhi zada ehmiyat hai teri..!!
Is Gulab ki pankhuriyon si nazuk hai tu, tujhe apni palko pe saza ker rakh aunga…! Itne saal tune haseen kea meri, ab teri zindagi ke har pal ko haseen…
Ban kar ye Gulab, mai teri zindagi me aik musk ki tarah bas jaunga..! Jo tu muskurae to pighalta hua tere labo pe cha jaunga..!!