Author: Real Shayari

Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.

आते-आते मेरा नाम सा रह गया
उस के होंठों पे कुछ काँपता रह गया

आते-आते मेरा नाम सा रह गयाउस के होंठों पे कुछ काँपता रह गया वो मेरे सामने ही गया और मैंरास्ते की तरह देखता रह गया झूठ वाले कहीं से कहीं…

अपने साये को इतना समझा दे
मुझे मेरे हिस्से की धूप आने दे

अपने साये को इतना समझा देमुझे मेरे हिस्से की धूप आने दे एक् नज़र में कई ज़माने देखे तूबूढ़ी आंखो की तस्वीर बनाने दे बाबा दुनिया जीत के मैं दिखा…

मेरे जाने के बाद वो भी मुझे छुप-छुप कर देखती तो है,
थोड़ी ही सही पर वो मोहब्बत करती तो है।

मेरे जाने के बाद वो भी मुझे छुप-छुप कर देखती तो है,थोड़ी ही सही पर वो मोहब्बत करती तो है। इतनी मोहब्बत कम तो नहीं।वो इस तरह तो बोलती बहुत…

देखा तो तुझे जब पहली बार मैंने,
अपनी आंखों पर न किया था एतबार मैंने,

देखा तो तुझे जब पहली बार मैंने,अपनी आंखों पर न किया था एतबार मैंने, क्या होता है कोई इतना भी खूबसूरत,यही पूछा था खुदा से बार-बार मैंने। तेरे नीले नीले…

दायम पड़ा हुआ तेरे दर पर नहीं हूं मैं
ख़ाक ऐसी ज़िन्दगी पे कि पत्थर नहीं हूं मैं

दायम पड़ा हुआ तेरे दर पर नहीं हूं मैंख़ाक ऐसी ज़िन्दगी पे कि पत्थर नहीं हूं मैं कयों गरदिश-ए-मुदाम से घबरा न जाये दिलइनसान हूं पयाला-ओ-साग़र नहीं हूं मैं या…

ख़ुदा हमको ऐसी खुदाई न दे
कि अपने सिवा कुछ दिखाई न दे

ख़ुदा हमको ऐसी खुदाई न देकि अपने सिवा कुछ दिखाई न दे ख़तावार समझेगी दुनिया तुझेअब इतनी ज्यादा सफाई न दे हंसो आज इतना कि इस शोर मेंसदा सिसकियों की…

कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता

कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगीयूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता जी बहुत चाहता है सच बोलेंक्या करें हौसला नहीं होता अपना दिल भी टटोल कर देखोफासला बेवजह नही होता कोई काँटा…

आह को चाहिये इक उम्र असर होने तक
कौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक

आह को चाहिये इक उम्र असर होने तककौन जीता है तेरी ज़ुल्फ़ के सर होने तक दाम हर मौज में है हलका-ए-सदकामे-नहंगदेखें क्या गुज़रे है कतरे पे गुहर होने तक…