Author: Real Shayari

Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.

अल्लामा इक़बाल की 20 शेरों की टॉप शायरी

1. “ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले, ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है.” इस शेर में अल्लामा इकबाल ने ख़ुदी के महत्व…

प्यार पर शेर – Love Shayari

इश्क़, उर्दू कविता में सबसे लोकप्रिय विषयों में से एक है। इश्क़ पर सबसे प्रसिद्ध शेरों की सूची तैयार है। इनका चयन प्रसिद्धता और प्रत्येक शेर की गुणवत्ता के आधार…

ग़म नहीं होता है आज़ादों को बेश अज़-यक-नफ़स | मिर्ज़ा ग़ालिब

ग़म नहीं होता है आज़ादों को बेश अज़-यक-नफ़स | मिर्ज़ा ग़ालिब ग़म नहीं होता है आज़ादों को बेश अज़-यक-नफ़स बर्क़ से करते हैं रौशन शम्-ए-मातम-ख़ाना हम महफ़िलें बरहम करे है…

रफ़्तार-ए-उम्र क़त-ए-रह-ए-इज़्तिराब है | मिर्ज़ा ग़ालिब

रफ़्तार-ए-उम्र क़त-ए-रह-ए-इज़्तिराब है | मिर्ज़ा ग़ालिब रफ़्तार-ए-उम्र क़त-ए-रह-ए-इज़्तिराब है इस साल के हिसाब को बर्क़ आफ़्ताब है मीना-ए-मय है सर्व नशात-ए-बहार से बाल-ए-तदरौ जल्वा-ए-मौज-ए-शराब है ज़ख़्मी हुआ है पाश्ना पा-ए-सबात…

आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे | मिर्ज़ा ग़ालिब

आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे | मिर्ज़ा ग़ालिब आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें जिसे हसरत ने…

धोता हूँ जब मैं पीने को उस सीम-तन के पाँव | मिर्ज़ा ग़ालिब

धोता हूँ जब मैं पीने को उस सीम-तन के पाँव | मिर्ज़ा ग़ालिब धोता हूँ जब मैं पीने को उस सीम-तन के पाँव रखता है ज़िद से खींच के बाहर…

आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे | मिर्ज़ा ग़ालिब

आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे | मिर्ज़ा ग़ालिब आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे ऐसा कहाँ से लाऊँ कि तुझ सा कहें जिसे हसरत ने…

याद है शादी में भी हंगामा-ए-या-रब मुझे | मिर्ज़ा ग़ालिब

याद है शादी में भी हंगामा-ए-या-रब मुझे | मिर्ज़ा ग़ालिब याद है शादी में भी हंगामा-ए-या-रब मुझे सुब्हा-ए-ज़ाहिद हुआ है ख़ंदा ज़ेर-ए-लब मुझे है कुशाद-ए-ख़ातिर-ए-वा-बस्ता दर रहन-ए-सुख़न था तिलिस्म-ए-क़ुफ़्ल-ए-अबजद ख़ाना-ए-मकतब…