ज़माने के सवालों को में हस के टाल दू लेकिन,
ज़माने के सवालों को में हस के टाल दू लेकिन,नमी आँखों की कहती हे मुझे तुम याद आते हो|
बंध जाये अगर किसी से रूह का बंधन,
बंध जाये अगर किसी से रूह का बंधन,तो इजहार-ए-इश्क़ को अल्फ़ाज़ की जरूरत नहीं होती।
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं;चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए।
न जाने क्या कमी है मुझमे
न जाने क्या कमी है मुझमेन जाने क्या खूबी है उसमेवो मुझे याद नहीं करती औरमै उसे भूल नहीं सकता
यु जो आप नजरो से इजहार करते हो
यु जो आप नजरो से इजहार करते हो,मुझ पर जुल्म ढाते हो,पर कमाल करते हो|