मैं तबाह हूँ तेरे इश्क मेंइस शायरी का सफर हमें प्यार और दर्द की गहराइयों में ले जाता है। जब इश्क़ की आग में दिल जलता है और वादे टूट जाते हैं, तब तबाही की कहानी लिखी जाती है। यह शायरी हमें उन भावनाओं से रूबरू कराती है जो सच्चे प्रेम में मिलती हैं – वो मधुर यादें, बेमिसाल ख्वाब, और अंततः दिल का टूटना। आइए, इस दिल की दास्तान को और करीब से समझें और महसूस करें।
मैं तबाह हूँ तेरे इश्क में
तेरे इश्क में हम दीवाने हो गए, दिल के अरमान अब फ़साने हो गए।
तबाही की राह पर चल पड़े हैं हम, तेरे वादों के सभी बहाने हो गए।
हर ख़्वाब अब टूटता हुआ लगता है, इश्क़ तेरा अब रूठता हुआ लगता है।
तेरे प्यार में हमने क्या नहीं पाया, पर हर खुशी अब छूटता हुआ लगता है।
तू मिले न मिले पर दर्द यूँ ही रहेगा, हमारी आँखों में ये ग़म हर पल रहेगा।
तेरे बिना जीने की सोच भी नहीं सकते, तेरे इश्क़ की आग में हर पल जलेगा।
तेरी यादों के साये में हर रात रोते हैं, तेरे बिना दिल के ज़ख्म और गहरे होते हैं।
तबाही की दास्तान अब लिख रहे हैं हम, तेरे इश्क़ के दर्द में दिन-रात खोते हैं।
तू ही था जो हमें संजीवनी सा लगता था, अब तेरी बेवफाई से दिल बेजान सा लगता है।
तेरे बिना अब सांसें भी भारी सी लगती हैं, तेरे बिन ये जीवन अभिशाप सा लगता है।
तेरी खुशबू में हम मदहोश रहते थे, अब तेरे बिना हर लम्हा खाली सा लगता है।
तेरे बिना हंसी भी अब रूठी सी लगती है, तेरे बिन ये दुनिया बेरंग सी लगती है।
हमने चाहा था तुझे दिलो जान से पर, तूने भुला दिया हमें ये कैसी आग है?
तेरे इश्क़ की दीवानगी में हम तबाह हो गए, तेरे बिना ये जीवन जैसे बेमकसद सा है।
अब न कोई तमन्ना है न कोई आस है, तेरे इश्क़ में खुद को खो दिया ये कैसी बात है।
तेरे बिना जीने की सोच भी नहीं सकते, तेरे इश्क़ की आग में हर पल जलेगा।
मैं तबाह हूँ तेरे इश्क में इस शायरी ने हमें इश्क़ की मिठास और उसकी तबाही दोनों का अनुभव करवाया। प्यार में डूबने का सुख और उसमें जलने का दर्द एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। हमने देखा कि कैसे एक दिल ने अपने सारे अरमान और खुशियों को इश्क़ की राह में न्योछावर कर दिया। यह शायरी हमें प्यार की शक्ति और उसकी तबाही की सच्चाई को बयां करती है। उम्मीद है कि यह रचना आपको इश्क़ की गहराइयों का अनुभव करवाएगी।