मैंने कब कहा कि,
वह मिल जाए मुझे?
कहीं वो गैर ना हो जाए,
बस इतनी सी हसरत है |
उन रिश्तो को भी निभाया है मैंने,
जिनमें न मिलना,
सबसे पहले सर्त थी |
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Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
मैंने कब कहा कि,
वह मिल जाए मुझे?
कहीं वो गैर ना हो जाए,
बस इतनी सी हसरत है |
उन रिश्तो को भी निभाया है मैंने,
जिनमें न मिलना,
सबसे पहले सर्त थी |
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.