मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं;चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए। Share this:FacebookXLike this:Like Loading... Post navigation न जाने क्या कमी है मुझमे बंध जाये अगर किसी से रूह का बंधन,