मार ही डाल मुझे चश्म-ए-अदा से पहले
अपनी मंज़िल को पहुँच जाऊं क़ज़ा से पहले
इक नज़र देख लूँ आ जाओ क़ज़ा से पहले,
तुम से मिलने की तमन्ना है ख़ुदा से पहले
हश्र के रोज़ मैं पूछूँगा ख़ुदा से पहले,
तू ने रोका नहीं क्यूँ मुझको ख़ता से पहले
ऐ मेरी मौत ठहर उनको ज़रा आने दे,
ज़हर क जाम न दे मुझको दवा से पहले
हाथ पहुँचे भी न थे ज़ुल्फ़ तक “यारो”,
हथकड़ी डाल दी ज़ालिम ने ख़ता से पहले