इश्क़, उर्दू कविता में सबसे लोकप्रिय विषयों में से एक है। इश्क़ पर सबसे प्रसिद्ध शेरों की सूची तैयार है। इनका चयन प्रसिद्धता और प्रत्येक शेर की गुणवत्ता के आधार पर किया गया है। हम जानते हैं कि इस सूची में कई बेहतर शेर हो सकते हैं, जिन्हें हमने शामिल नहीं किया हो। उम्मीद है कि आप चयन का आनंद लेंगे, और फिर भी हम आपके सहभाग में सूची को और बेहतर बनाने में भागीदार होने की तरफ देखते हैं।
प्यार पर शेर – Love Shayari
- इश्क़ ने ‘ग़ालिब’ निकम्मा कर दिया, वरना हम भी आदमी थे काम के. – मिर्ज़ा ग़ालिब
- सितारों से आगे जहां और भी हैं, अभी इश्क़ के इम्तिहाँ और भी हैं. – अल्लामा इक़बाल
- इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद, अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता. – अकबर अल्लाहाबादी
- राह-ए-दूर-ए-इश्क़ में रोता है क्या, आगे आगे देखिए होता है क्या. – मीर ताक़ी मीर
- कोई समझे तो एक बात कहूँ, इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं. – फ़िराक़ गोरखपुरी
- इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’, कि लगाए न लगे और बुझाए न बने. – मिर्ज़ा ग़ालिब
- आग थे इब्तिदा-ए-इश्क़ में हम, अब जो हैं ख़ाक इन्तिहा है ये. – मीर ताक़ी मीर
- मकतब-ए-इश्क़ का दस्तूर निराला देखा, उस को छुट्टी न मिले जिस को सबक याद रहे. – मीर ताहिर अली रिज़वी
- इश्क़ इक ‘मीर’ भारी पत्थर है, कब ये तुझ ना-तवां से उठता है. – मीर ताक़ी मीर
- इश्क़ जब तक न कर चुके रुसवा, आदमी काम का नहीं होता. – जिगर मुरादाबादी
- जजबा-ए-इश्क़ सलामत है तो इंशा-अल्लाह, कच्छे धागे से चले आएंगे सरकार बंधे. – इंशा अल्लाह ख़ान इंशा
- इश्क़ है इश्क़ ये मज़ाक़ नहीं, चंद लम्हों में फैसला न करो. – सुदर्शन फ़ाक़िर
- कुछ खेल नहीं है इश्क़ करना, ये ज़िंदगी भर का रात-जगा है. – अहमद नदीम क़ासमी
- जिसे इश्क़ का तीर कारी लगे, उसे ज़िंदगी क्यों न भारी लगे. – वाली मोहम्मद वाली
- सख़्त काफ़िर था जिन ने पहले ‘मीर’, मज़.हब-ए-इश्क़ इक़्ह्तियार किया. – मीर ताक़ी मीर
- इश्क़ में भी कोई अंजाम हुआ करता है, इश्क़ में याद है आग़ाज़ ही आग़ाज़ मुझे. – ज़िया जालंधरी
- कूचा-ए-इश्क़ में निकल आया, जिसे ख़ाना-ख़राब होना था. – जिगर मुरादाबादी
ये शेर उर्दू कविता की दुनिया में प्यार के असर और जटिलताओं को खूबसूरती से पकड़ते हैं।