ख़ामोशी बढ़ गयी है इस्कदरकी सन्नाटो की भी चीखे सुनाई पड़ती हैं। Share this:FacebookXLike this:Like Loading... Post navigation एक शोर है मुझ मैं…. ताउम्र गम उठाने के हम …..