मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं;
चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए।
Asli Shayari | Sher | Shayar | Ghazal | Nazm
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहीं;
चमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए।
Real Shayari Ek Koshish hai Duniya ke tamaan shayar ko ek jagah laane ki.